जिला - बक्सर
सफलता हमें भी मिली - कमलेष सिंह
बक्सर जिला अन्तर्गत राजपुर प्रखंड के ग्राम पंचायत तियरा के बघेलवा ग्राम के सीमान्त किसान, कमलेष सिं श्री विधि (धान) की सफलता पूर्वक खेती से खासे उत्साहित है। और आज अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आज वे क्षेत्र के अन्य किसानों के चर्चा में षामिल है। स्व0 फौजदार सिंह के तीन पुत्रों में मंझले कमलेष सिंह ने सपने में भी नहीं सोचा था कि खेती के वजह से मैं आम से खास व्यक्ति बन जाउंगा, तथा हमारे खेत के निरीक्षण के लिये जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं वैज्ञानिकगण आएंगे।
महज छठी कक्षा तक पढ़ाई करने वाले कमलेष सिंह पिता की मृत्यु के पष्चात खेती को ही अपना मुख्य कार्य मान पारंपरिक खेती करते थे तथा परिवार का भरण-पोशण करते थे। लेकिन उत्पादन बहुत कम होता था जिससे परिवार का भरण पोशण उचित नहीं हो पाता था। इस वर्श इन्हौने श्री विधि से धान की खेती की है और श्री विधि की खेती ने उनके घर इस वर्श धन वर्शा की है। जब उनसे श्री विधि की सफलता का राज जानने पहुंॅचा तो वे खासे उत्साहित दिखे और तपाक से उन्होने अपने उद्गार को साधारण भाशा में व्यक्त करने लगे। आगे कमलेष जी की बात उन्हीं के षब्द में -
एक दिन हम अपना खेत पर जात रहनी त देखनी कि पेट्रोल पम्प पर किसान लोग के भीड़ जुतल रहे उत्सुकता बस हमहु ओइजा पहुंॅच गइनी। देखनी कि ओइजा मृत्युंजय मिश्र जी जवन हमनी के एसेमेस बानी वाल्टी में धान भेंवले रही आ कुछ बतावत रहीं। हम तवाक से पुछनी कि इ का होतवा त हमके मिसिर जी बतवनी की श्री विधि से धान के खेती के बारें में बतावल जाता। उहांॅके बत्लवनी की श्री विधि में कम बीज (2 कि0ग्रा0) कम खाद कम पानी तथा खर्च भी कम लागी। एह विधि में 8-12 दिन के वीचड़ा लगावेके बा तथा रोपाई 25 बउ ग 25 बउ के समान दुरी पर एक-एक पौधा लगावे के बा। खेत के ओदा-सुखा रखे के बा एहसे पानी भी कम लागी। खेत में घास उगी त ओके कोनोविडर यंत्र चलाके खेते में सड़ावे के बा तथा मिट्टी के भुरभुरी बनावेके बा कम से कम 2-3 बार कोनोविडर चलावे के पड़ी।
जब हम मिसिर जी के बात सुननी त लागल की इहांॅ के बात में जरूर दम बा पैदा बढ़ी। कहनी कि ए मिसिर जी हमरो खेतवा देख ली हमहु श्री विधि से खेती कइल चाहत बानी। मिससिर जी हमरा के बहुत सहयोग कइनी उहांॅ के जइसे बतावनी हम ओइसही करत गइनी। पहिले जहांॅ 4-5 जो पौधा रोपत रहनी जा तबो 20-25 कल्ला निकलत रहें। श्री विधि में 80-85 जो कल्ला एकहीं पौधा से निकल गइल है। आ फसल बहुत अच्छा भइल है। जब मिसिर जी हमरा खेत पर आवत रही त लोगन के भीड़ जुट जात रहे। हमरा सबसे खुषी भइल जब पटना से फोटु खिचे वालन के लेके मिसिर जी आइल रहनी। जब हमरा के खेत में घुसा के हमरा ओर कमरा कइके जब उलोग हमरा से खेती के बारे में पुछे लागल त खुषी से हमार आंॅख भर गइल। हम बहुत गदगद बानी। पहिले एक एकड़ में मुष्किल से 20-22 क्विंटल धान होत रहे असो श्री विधि से कइनी ह 32-34 क्विंटल धान एक एकड़ में भइल बा। आगे साल से अउरू बढि़या से खेती करब उम्मीद का अउर ज्याद धान बढ़ी। एह खेती में सबसे ज्यादा फायदा इ बा कि खाद कम लागत बा खाली धुरके खाद से हो जात बा आ दवाइयों कम लागत बा। एह से हम त लगइबे करब हमार साथी लोग भी कहता किए कमलेष जी अगिला साल सब आदमी मिल के श्री विधि से धान के खेती कइल जाई। अब हमहुंॅ कह सकीना कि हम है सफल किसान।
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