राज्य की मृदाओं मे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी अनेक क्षेत्रो मे फसलोउत्पादन को प्रभावित कर रही है इसका मुख्य कारण अधिक उपज देने वाली प्रजातिओं की सघन खेती ,जैव खादों का
निम्न अथवा अनुप्रयोग एंव अधिकतर किसानो द्वारा अभिक विष्लेषणमान वाले
नत्रजन ,फास्फोरस और पोटाश उर्वको का प्रयोग वर्त्तमान मे भारत वर्ष
की मृदाओं मे सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी का प्रतिशत इस प्रकार है जस्ता ४९ %बोरान ३३ %लोहा १२%मगनीज ४% एंव ताबा ३%,फसलोत्पादन के लिए
सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी की निश्चित जानकारी मृदा परीक्षण एंव पादप उतक
विष्लेषण से हो सकती है भूमी मे सूक्ष्म पोषक उर्वको का प्रयोग कमी की दशा मे हर तीसरे साल किया जा सकता है सूक्ष्म पोषक तत्वों के घोलो का छिडकाव खुले मौसम मे सुबह करना चाहिए तेज हवा ,बरसात या अत्यधिक कड़ी धुप मे छिडकाव लाभप्रद नहीं होता है
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